15 फरवरी को कोर्ट के समक्ष तीसरी सुनवाई हुई| सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल माधवी देवान प्रस्तुत थी| उन्होंने कहा कि विभागीय दिशा-निर्देश परिपूर्ण नहीं हैं| पीठ ने उन्हें निर्देश दिया है कि वे यह स्पष्ट करें कि प्रत्येक विभाग को व्यक्तिगत रूप से कार्यात्मक नि:शक्तता जाँचनी होगी|
पीठ ने उनकी प्रति-शपतपत्र प्रस्तुत करने हेतु चार सप्ताह के समय की याचिका को मान लिया|
कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 25 मार्च रखी है|
पीठ ने उनकी प्रति-शपतपत्र प्रस्तुत करने हेतु चार सप्ताह के समय की याचिका को मान लिया|
कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 25 मार्च रखी है|